
जेल के बंदी लिख रहे कॉलेज परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं, जमा करने खुद ले जा रही पुलिस, जानें- पूरा मामला
धमतरी. छत्तीसगढ़ में इन दिनों कॉलेज की परीक्षाओं का दौर है. कभी कॉलेज कैंपस में एक साथ ग्रुप में बैठकर परीक्षा देने की फोटो वायरल होती है तो कभी किताब देखकर आंसरशीट लिखने का मामला सामने आता है. ताजा मामला थोड़ा अलग है. कोरोना संक्रमण के खतरे का हवाला देकर ब्लैंडेड मोड पर ली जा रही कॉलेज की परीक्षाओं में कुछ कैदियों द्वारा उत्तर पुस्तिकाएं लिखने का मामला सामने आया है. दरअसल छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में रेगुलर और प्राइवेट के करीब 5 हजार छात्र छात्राएं रोजाना अपने घरों से उत्तर पुस्तिकाएं भर कर लाते है और तय समय पर जमा करते है.
इन हजारों उत्तरपुस्तिकाओं में 6 उत्तरपुस्तिकाएं धमतरी जिला जेल से लाकर जमा की जाती हैं. बकायदा पुलिस की मदद से जेल से उत्तर पुस्तिकाएं लाकर कॉलेज में जमा की जा रही हैं. दरअसल जेल के 6 बंदी भी कॉलेज की परीक्षा दे रहे हैं. विभिन्न मामलों में गिरफ्तार इन बंदियों के मुकदमे अदालतों में चल रहे हैं. इस बीच मे इन बंदियों में जीवन मे कुछ करने की कुछ बन कर दिखाने का हौसला और विश्वास मजबूत बना हुआ है. इन बंदियों की फरियाद पर अदालत ने भी इन्हें न सिर्फ पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी है. बल्कि, जेल के अंदर पढ़ने लिखने के लिए सभी सुविधाएं और उचित माहौल बनाने के निर्देश भी दिए है.
बंदी ने कहा- कुछ बनकर दिखाना है
परीक्षा वाले दिन इन्हें सेंटर तक बंदियों के लाने लेजाने की व्यवस्था पुलिस द्वारा की जाती है. परीक्षा देने वालों में शामिल एक बंदी योगेंद्र कुमार साहू भी है जो गौतस्करी कर संदेह में गिरफ्तार हुआ था और डेढ़ माह से जेल में है. योगेंद्र हिंदी साहित्य में एमए कर रहा है और ये उसका प्रीवियस ईयर है. योगेंद्र ने बताया कि जेल की दुनिया एकदम अलग होती है. यहां उसे पढ़ने केलिए अच्छा माहौल मिलता है. योगेंद्र भविष्य में अपने माता पिता को कुछ बन कर दिखाना चाहता है.
धमतरी के डिप्टी कलेक्टर ऋषि कांत तिवारी कहते हैं- योगेंद्र जैसे हौसले वाले युवा, संवेदनशील न्याय पालिका और बेहतर जेल प्रबंधन हो तो जेल के अंदर के माहौल को भी उम्मीदों, हौसलों और नए सपनों के झालर से जगमगाया जा सकता है. इनकी रौशनी में अपराधियों का भी हृदय परिवर्तन संभव होगा.